हमारा मान हमारे हाथ में है





हमारा मान हमारे हाथ में है।

किसे के कुछ अच्छा कहने या करने से यह बड़ नहीं जाता और खराब कहने से यह घट नहीं जाता।

दूसरे क्या सोचते हैं या बोलते हैं,यह उनकी सोच।

हम अपने बारे में क्या सोचते और बोलते हैं,यह हमारे हाथ में है।

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