Knowledge


वर्तमान में जिए 

Planning करे  भविष्य  की पर उससे बंध नहीं जाए कि यही होना चाहिए,यही right है। अपनी की गयी Planning से भी detached। हम एक काल दर्शी है और एक बार में एक दृष्टि कोण से ही बातों को देख और परख सकते है पर जो त्रिकालदर्शी है वो हर एक आत्मा के,सारी सृष्टि के तीनों कालों को जानता है और हर आत्मा का हितकारी और कल्याणकारी है,उसे सभी को संतुष्ट करना है।

Isliye kaha jata है Ishwar की Planning सबसे अच्छी है उसे स्वीकार करे और अपनी की गयी Planning से,अपनी सोच से भी,सोचते समय भी detached,जैसे asochta हो जाए। 



संकल्प बुद्धि का भोजन है(nourishment/food for intellect)

पवित्र संकल्प बुद्धि को शुद्ध और शक्ति शाली बनाते है। जिससे आत्मा दिव्य (divine)banti है। यह knowledge जैसे divinity,purity लाने की education है जिससे ही हम देवता बनते है। 

सब हमें प्यार करे,स्वीकार करे,उसके लिए क्या करे 

हर कोई चाहता है हम जो है जैसे है हमें स्वीकार कर लिया जाए,सभी सम्मान की दृष्टि से,प्रेम की दृष्टि से देखे पर उसके लिए एक tapasya है,गुणों की,सच्चाई की। हमें भिन्न भिन्न परिस्थितियों  में पास हो कर दिखाना होता है। कहा dhairyata ,कहाँ सहनशीलता,कहा नम्रता,कहाँ saralta।


जीवन की परिस्थितियायो में ही हमें perfect बनना है

सहनशक्ति,समाने की शक्ति, muscles है बुद्धि की(Mental muscles)

ये शक्तियां सक्रिय रहती है अगर कार्य में लगती रहे ।नहीं तो बिना challenges और लक्ष्य के जीवन चले कैसे।कर्म है तो challenges है,एक लक्ष्य है और उसके लिए purushartha है,कर्म की ही तो सारी महिमा है। कितना शांति से,प्रेम से,अच्छी अवस्था में हम कर्म करते है ।

 सुख की feeling भी तब है जब contrast हो दुख से। तो हमें accurate कर्म जीवन मे रहते हुए,कर्म करते हुए ही सीखना है जिसमें अपने ध्यान (एकाग्रता)को भी केंद्रित रखना है और अपने अंदर निहित गुणों और शक्तियों को भी कार्य में लगाना है और हर जीवन की छोटी बड़ी परीक्षा में पास होना है ।


 जीवन की हर परिस्थिति को पार करना सीखें 


कहां अपनी बात बोलनी होती,कहां अपनी भूलों को सुधारने लिए सुनना भी पड़ता है,चुप भी होना पड़ता हैं,धैर्य भी रखना पड़ता है। कैसे samne आयी हुई परिस्थिति  को opportunity  में बदलना होता हैं नये कर्म करके,नये impressions बना के,ये है परिस्थितियों को पार करने की युक्ति। 


गलती स्वीकार करने वाला बड़ा हो जाता है 

गलती स्वीकार करना अर्थात्‌ अपने अहम को छोटा करना। इसके लिए हिम्मत चाहिए जरूर। हर युद्ध युद्ध के मैदान मे नही जीती जाती,अधिकतर युद्ध तो दिल की सच्चाई और सफ़ाई द्वारा प्यार से बड़ी दिल रख कर अपने अहंकार को तोड़ कर जीती जाती है इससे हम बड़े होते जाते दिनों दिन और दूसरों के दिल में भी अपना स्थान बना लेते,उनके विश्वास पात्र बन जाते। 


प्रेम शांति और अहिंसा की मदद से ही हमें हर कार्य करना है। जिद या सिद्ध नहीं करना कि मै right हूँ मुझे क्यूँ ऐसे बोला। 

मै इतना करती हूँ। 

Right हो toh sthir रहो ,खुशी में डांस करो। हिलो नहीं मन की स्थिति में। 

मै और मेरा आया अर्थात्‌ deh abhimaan आया ।


Apne satya swaroop mein stith rehne wala swath hi satya ban jata hai.


Satyata wala sada Khushi mein nachta hai.

Use zada sochna nahi padta,baato ko  zada ghoomana firana nahi padta.

Satyata wale mein spashta ka gun hota hai,satyata wala achal rehta hai

Satyata wala nirbhay rehta hai .

Satyata wala heere samaan mulyavan aur mahan ban jata hai

 Toh Jo apne satya swaroop ,aatmic swaroop mein stith rehta hai,wo swath hi satya ban jata hai.



बोल हमारे कैसे हो 

मुख से ऐसी वाणी बोलनी है जो फूल बरस रहे हो। vardaan निकल रहे ho।

आग नहीं बरसानी 

कडुआ,पत्थर जैसे शब्द नहीं बोलने,बड़े ही मीठे सरल,saryukt,सभ्यता  से बोल बोलने है। 


क्या करना है,और क्या नहीं 

काटने का काम नहीं करना है,कैंची नहीं बनना है,सुई धागा बनना है 

तोड़ने का काम नहीं  करना है,जोड़ने का काम करना है। 

गिराने का काम नहीं करना है उठाने का काम करना है ।


अपने  से competetion करना है 

ईर्षा द्वेष नही रखना है किसी से rees नहीं करनी किसी से,अपने कर्म से अपना भाग्य बनाना है। competition नहीं करना है किसी से,अपने से competition करना है,अपनी यात्रा को देखना है,मैं पहले यहां था,अब यहां तक पहुंचा हूँ। आगे भी बड़ रहा हूँ। 


अपने पर कंट्रोल रखना है 

Sayam रखना है,अनुशासन रखना है अपने ऊपर,क्या बोलते है,क्या सोचते है,क्या देखते हैं। control रखना है अपने ऊपर। 

दूसरों को नहीं खुद को control करना है। out of control होकर दूसरों को control नहीं करना है। 



दूसरे हमसे अलग है या गलत है। 

संबंधो में हम expectations रखते हैं तुम्हें मेरे according होना चाहिए,नहीं हो मतलब तुम wrong हो। ये भूल जाते वो एक individual है उसकी एक journey है,एक individual role है  जिसके according ही वो चलता हैं। आप उसे wrong कहते हो, यह आपकी भूल हैं।

 अच्छा,जो हमसे अलग है वो wrong है ?











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