Wednesday, September 14, 2022

आत्मा,राजयोग और कर्मयोग की शक्ति




आत्मा के अंदर कौन सी शक्ति है,जो उससे श्रेष्ठ कार्य कराती है  और  उसे जीवन मे सफलता और खुशी का अनुभव कराती है।

 वह कब जागृत  होती है।

यह स्नेह की शक्ति है,स्वीकारने की शक्ति है जो आत्मा में आशा और विश्वास  का संचार करती है ,जिससे वह परिवर्तन होने के मार्ग को सहज अपना लेती है।

क्या कमिया देखने और दोषारोपण करने से भूले बदलती है।

आत्मा को सशक्त करने लिए  हमे उसे सम्मान देना,उसका मददगार  बनना है,उसे हिम्मत दिलानी है।उसे सकारात्मक चिंतन देना है।उसकी विशेषताओं का वर्णन करना है,जिससे वह उमंग में आ जाए और असंभव लगने वाला कार्य भी बड़ी आसानी से कर जाए।

क्या समस्यओं का चिंतन  समस्याओं का समाधान लाता है।

हम आत्माऐं है,चेत्नय ऊर्जा शक्ति है ।जिस जङ या चेतन वस्तु पर हम अपना ध्यान केंद्रित करते है वह वस्तु बढ़ती है(where the attention goes,life grows)यह ऊर्जा का सिद्धांत है।अगर हमारा ध्यान (focus)समस्या से बदल समाधान पर आ जाए तो हम मानसिक तनाव और दवाब से मुक्त हो सकते है और बिना समस्या के अधिक चिंतन किए समाधान के नज़दीक जा सकते है।

क्या कर्म योग सम्भव है

कर्म करना और उसके परिणाम से मुक्त रहना जिसे सहज राजयोग कहते अत्यंत सरल प्रकिया है।इसके अभ्यास के लिए आसन लगाए घंटो बैठने की आवश्यकता नहीं और न ही आंख बंद करने की आवश्यकता है।यह तो मात्र एक जीवन जीने का तरीका है,सकारात्मक विचार करने की विधि है जिससे हम उस सर्वोच्च सत्ता परमात्मा से जुड़ जाए और अपने अंदर उसकी ऊर्जा का संचार होने दे।

किस विधी से आत्माएं कर्म फल से मुक्त रह सकती है

जब हर कर्म ईश्वरीय याद में ,सुख लेने और देने के भाव से किया जाए तो कर्म फल से मुक्त हुआ जा सकता ,जिसे ही निष्काम भाव भी कहते है।

किस विधी से कर्मो का सुख आत्मा को प्राप्त होता है

जब वह हर कर्म, तीनों कालो (past,presentऔर future)को जानकर हर करती है तो संकल्प की सफलता अर्थात जो सोचा वह हुआ, आत्मा को सुख देती है।

किस विधी से कार्य सम्पूर्ण सफल हो

हर कार्य  को ठीक  रीति करने का सम्पूर्ण ज्ञान हमारे पास हो,साथ ही साथ मार्ग में आने वाली चुनौतियों की हमें पूरी समझ हो और उनसे पार होने का  सम्पूर्ण अनुभव हो और उसे करने का एक सुंदर योजना(plan )हमारे पास हो।

धन्यवाद,

आपका दिन शुभ हो 🪔






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